
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर में 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया इस अवसर पर संस्थान कर्मियों द्वारा प्रकृति से निःशुल्क रूप से प्रदत्त पर्यावरण के प्रमुख संघटक पेड़ों के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लेते हुये संस्थान की निदेशक, प्रो. (डॉ.) सीमा परोहा की अगुआई में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर डॉ. बी.एन. आचार्य, होम्योपैथिक चिकित्सक एवं रोटरी क्लब के अध्यक्ष विशेष रूप से आमंत्रित थे।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर संस्थान कर्मियों, दैनिक वेतन भोगी कर्मियों एवं संस्थान में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं द्वारा संस्थान परिसर स्थित प्रायोगिक चीनी मिल में बड़े उत्साह से विभिन्न प्रजाति के पौधे यथा-आम, जामुन, अशोक, नीम, शहतूत आदि के पौधे लगाकर उनके संवर्धन का संकल्प लिया गया।
इस अवसर संस्थान की निदेशक द्वारा बाग-बगीचे, फार्म एवं फैक्टरी में कार्यरत एवं स्वच्छता के कार्य से जुड़े श्रमिकों को प्रोत्साहन स्वरूप गमछों एवं पानी की बोतलों का वितरण किया गया। संस्थान की निदेशक, प्रो.सीमा परोहा ने कहा कि हरियाली से ही खुशहाली है। प्रकृति हमारे जीवन के कण-कण में समाई हुई है। यह हमारा पालन मातृवत करती है। जीवन दायिनी हवा, पानी और प्रकाश सभी को प्रकृति द्वारा मुफ्त दिये जाते हैं। मानव अपने स्वार्थ के लिये धरती का ऋंगार कहे जाने वाले पौधों की निरंतर कटाई कर रहा है, जिसके भविष्य में और भी घातक दुष्परिणाम होंगें। वैश्विक स्तर पर तापमान बढ़ रहा है और ग्लेशियर पिघलने से समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे समुद्र तट पर स्थित या कम ऊंचाई वाले नगरों के जलमग्न होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रो. परोहा ने आह्वान किया कि हम सबको प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर चलना चाहिये। इसी में हमारा हित निहित है। कार्यक्रम का संचालन मल्लिका द्विवेदी व सहायक निदेशक (रा.भा.) के द्वारा किया गया।
आयोजन में दया शंकर मिश्र, निजी सचिव एवं उमेश चंद्र पांडेय, कल्याण अनुभाग की विशेष भूमिका रही।
कार्यक्रम में शैलेन्द्र कुमार त्रिवेदी, अशोक गर्ग, संजय चौहान, डॉ.विनय कुमार, डॉ.अशोक कुमार, अनूप कनौजिया, श्रीमती अनंत लक्ष्मी, वीरेन्द्र कुमार, अखिलेश पांडेय, डॉ.सुधांशु मोहन, डॉ.लोकेश बाबर सहित संस्थान के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के परिवारजन भी उपस्थित रहे।