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राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर में बसंत पंचमी के अवसर पर मां सरस्वती की प्रतिमा पर विधि विधान से पूजन सम्पन्न।

कानपुर -

भगवानदीन की रिपोर्ट

कानपुर – राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर में आज बसंत पंचमी के अवसर पर संस्थान के मुख्य द्वार के समीप स्थित मां सरस्वती की भव्य प्रतिमा का विधि-विधान से मंत्रोच्चार के बीच पूजन संपन्न हुआ।
इस अवसर पर संस्थान में राजकीय बालिका इंटर कालेज, घाटमपुर, कानपुर नगर से भ्रमण के लिये आई लगभग 100 छात्राओं और उनके साथ आईं 14 शिक्षिकाओं का स्वागत करते हुये प्रो.सीमा परोहा, निदेशक, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर ने कहा कि आप लोग विद्या के मंदिर से आये हुये हैं। भारत सदा से ही ज्ञान की भूमि रहा है। यहीं पर सर्वप्रथम वेद-वेदांगों और उपनिषदों की रचना हुई है। यह हर्ष और संयोग का विषय है कि यहां पर भ्रमण के साथ आप सभी को मां शारदा के पूजन का सुअवसर प्राप्त हो रहा है।

प्रो.परोहा ने कहा कि विद्यार्थी की आराधना ही मां शारदा की साधना से सफल होती है। सभी बच्चियों को मेरी सलाह है कि वे कठोर परिश्रम करके मां शारदा का आशीष प्राप्त करें। ज्ञान की ही सर्वत्र पूजा होती है। यह ऐसी वस्तु है जिसको न कोई चुरा सकता है, न छीन सकता है और जिसका बंटवारा भी संभव नहीं है। ज्ञान का भंडार ऐसा है कि जितना खर्च करेंगे उतना ही बढ़ेगा। इसलिये आप लोग ज्ञान का संचय करें और चीजें इसके पीछे पीछे आपके पास स्वयं चली आयेंगी।
विद्यार्थी जीवन में सभी बच्चे कौए की तरह प्रयास, बगुले की तरह ध्यान और कुत्ते की तरह नींद की प्रेरणा इन पशु-पक्षियों से लें। जीवन में हर किसी से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। विश्व में अच्छी और बुरी दोनों चीजें विद्यमान हैं। आपका स्वभाव सूप की तरह होना चाहिये जो सार को ग्रहण करता है और बेकार चीजों को उड़ा देता है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संजय चौहान, डॉ.अशोक कुमार, डॉ.विनय कुमार, अनूप कुमार कनौजिया, वीरेन्द्र कुमार, मिहिर मंडल, डॉ.अनंत लक्ष्मी रंगराजन, अखिलेश कुमार पांडे, आशीष कुमार शुक्ला, ए.के. अवस्थी, विवेक प्रताप सिंह, डॉ.लोकेश बाबर, बृजेश कुमार साहू, बृजेश सिंह, सुनीत कपूर, योगेश वास्तव आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मल्लिका द्विवेदी, सहा.निदेशक (रा.भा.) एवं कल्याण अधिकारी ने किया। कार्यक्रम के आयोजन एवं पूजन में दया शंकर मिश्र, निदेशक के निजी सचिव का विशेष योगदान रहा।

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