अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर पंजाबी व संस्कृत शिक्षक इकाई कैथल ने जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन।
हरियाणा -
हरियाणा के कैथल जिले से सचिन सैनी की रिपोर्ट –
(आर 5 समाचार लाइव )–
कैथल – को अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के उपलक्ष्य में पंजाबी अध्यापक अते भाषा प्रचार प्रसार सोसाइटी हरियाणा की राज्य कार्यकारणी द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार हरियाणा प्रदेश के विद्यालयों में आगामी सत्र 2025-26 त्रिभाषा सूत्र को लागू करने सहित अन्य माँगों को लेकर सोसाइटी की जिला इकाई कैथल की तरफ से जिला प्रधान बलविंदर सिंह की अगुवाई में पंजाबी अध्यापकों व पंजाबी प्रवक्ताओं द्वारा बड़ी संख्या में इकट्ठे हो के जिला शिक्षा अधिकारी श्री रामदिया गाग़ट के माध्यम से मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार, शिक्षा मंत्री हरियाणा सरकार व अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जिला प्रधान बलविंदर सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रस्तावित दिशानिर्देश अनुसार प्रदेश में आगामी सत्र 2025-26 से त्रिभाषा सूत्र लागू करने की माँग की गई ताकि छात्र हिन्दी, अंग्रेजी सहित पंजाबी, संस्कृत, उर्दू, फ़्रेंच इत्यादि भाषाओं में से तीन भाषाओं का अध्ययन कर सकें इससे एक तो बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास होगा और उनके लिए देश विदेश में रोजगार के अवसर भी बढ़ सकें। उन्होंने ने कहा भाषा का विकल्प भाषा ही होना चाहिए, कौशल विषयों को भाषा का विकल्प न बनाकर अलग से पढ़ाया जाना चाहिए। इस मौके उपस्थित जिला सचिव निशान सिंह ने माँग की कि लगभग सभी विषयों के अद्यापकों के प्रवक्ता पद पर प्रोमोशन किए जा चुके हैं लेकिन पंजाबी अध्यापक लम्बे समय से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें योग्यता अनुसार शीघ्र पदोन्नति दी जाए और आगामी सत्र से हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के विद्यालयों में 9वीं से बाहरवीं कक्षा में सी. बी.एस. ई. का पाठ्यक्रम लागू किया जाए क्योंकि यह पाठ्यक्रम सटीक व विद्यार्थियों की रुचि के अनुकूल है। सत्र आरम्भ होने से पहले सभी राजकीय विद्यालयों में पंजाबी विषय की पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाएं। सोसाइटी के वरिष्ठ उपप्रधान हरजिंद्र सिंह ने कहा कि पंजाबी भाषा को राज्य में वर्ष 2010 से दूसरी भाषा का दर्जा प्राप्त है लेकिन इसे अभी तक राज्य में बनता मान-सम्मान नहीं मिल रहा है। उन्होंने ने माँग की कि पंचकूला, अम्बाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, फतेहाबाद, सिरसा, करनाल, कैथल पंजाबी भाषी क्षेत्र हैं। इन जिलों के सभी राजकीय एवं निजी विद्यालयों में पंजाबी अध्यापक व पंजाबी प्रवक्ता का पद अनिवार्य रूप से दिया जाए तथा बच्चों को तीसरी कक्षा से पढ़ाने का प्रबंध किया जाए। जिला शिक्षा अधिकारी ने माँग पत्र की सभी माँगों को राज्य के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर हसला के जिला प्रधान राजीव मालिक, लोकतांत्रिक विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य प्रधान विजेंद्र मोर सहित अन्य पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में अद्यापकों ने पहुँच कर अपना समर्थन दिया। इस मौके पर कुलवंत सिंह, अवतार सिंह, लफ्टेन सिंह, सुशील शास्त्री, कृष्ण चंद बलराज, तरसेम, गुरबाज, अमनदीप सिंह, हरजिंद्र सिंह, गुरजीत कौर , ममता रानी, डॉ सतिंदर पाल सिंह, गुरुमीत सिंह, सहित अन्य पंजाबी अध्यापक व प्रवक्ता उपस्थित थे।