आयोजित जयंती समारोह में डाॅ. तेजिंद्र ने पढ़ी पुस्तक
लोक संस्कृति के संवाहक : जयलाल दास जीवन चरित पर समीक्षा
जयंती उत्सव में डाॅ. तेजिंद्र परिवार कैथल की ओर से सम्मानित किये गये कुरुक्षेत्र के साहित्यकार डाॅ० जय भगवान सिंगला को सम्मानित।
डाॅ. तेजिंद्र के नव प्रकाशित लघुकविता-संग्रह ” प्रकृति नाराज है ” का लोकार्पण किया।
हरियाणा के कैथल जिले से सचिन सैनी की रिपोर्ट –
कैथल। साहित्य सभा कैथल से जुड़े साहित्यकार डाॅ. तेजिंद्र को भिवानी में आयोजित लोक साहित्यकार जयलाल दास जयंती उत्सव-2025 में सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया। जानकारी देते हुए डाॅ. तेजिंद्र ने बताया कि उन्हें लोक साहित्यकार जयलाल दास 93वीं जयंती पर भिवानी के जयलाल दास साहित्य सदन में आयोजित लोक साहित्यकार जयलाल दास जयंती उत्सव -2025 में साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य एवं उपलब्धियों के लिये उन्हें श्रीमती इन्द्रा स्वप्न स्मृति साहित्य सम्मान-2025 से सम्मानित किया गया। लोक साहित्यकार जयलाल दास की 93वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित पुस्तक प्रतियोगिता में डाॅ. तेजिंद्र की नौवीं पुस्तक एवं प्रथम लघुकविता-संग्रह ” मैंने देखा है ” को लघुकविता – संग्रह वर्ग में जयलाल दास श्रेष्ठ कृति सम्मान – 2025 से पुरस्कृत किया गया। डाॅ. तेजिंद्र के ये दोनों सम्मान आनन्द कला मंच, भिवानी के सौजन्य से आयोजित जयंती उत्सव में पधारे कार्यक्रम अध्यक्ष डाॅ. मधुकांत, वरिष्ठ साहित्यकार, मुख्य अतिथि डाॅ. जय भगवान सिंगला, साहित्यकार एवं समाजसेवी, विशेष आमंत्रित अतिथि प्रोफ़ेसर रूप देवगुण, वरिष्ठ साहित्यकार, विशिष्ट अतिथियों डाॅ. घमण्डीलाल अग्रवाल, वरिष्ठ साहित्यकार, अजय गर्ग, कंटेंट मैनेजर, हरियाणा स्टेज एप,राजीव सांगवान, समाज सेवी एवं सुनील सांगवान, पूर्व अध्यक्ष, गुजरात जाट समाज विकास परिषद् , वापी ( गुजरात ) के कर-कमलों से प्राप्त हुए। जयंती-उत्सव के दौरान डाॅ. तेजिंद्र परिवार की ओर से साहित्यकार, समाजसेवी एवं प्रेरणा वृद्धाश्रम कुरुक्षेत्र के संस्थापक डाॅ. जय भगवान सिंगला को श्रीमती मामो देवी एवं जगदीश राम स्मृति साहित्य सम्मान-2025 से सम्मानित किया गया। जयंती उत्सव के दौरान डा. तेजिंद्र ने वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. घमण्डीलाल अग्रवाल द्वारा रचित जीवन-चरित लोक संस्कृति के संवाहक : लोक साहित्यकार जयलाल दास पर समीक्षा पढ़ी। उत्सव में पुस्तक-लोकार्पण कार्यक्रम के अंतर्गत डाॅ. तेजिंद्र की दसवीं पुस्तक एवं दूसरे लघुकविता-संग्रह ” प्रकृति नाराज़ ” का लोकार्पण भी अतिथि-गणों के कर-कमलों से हुआ। डाॅ. तेजिंद्र को एक-साथ प्राप्त इन सभी उपलब्धियों के जयंती-उत्सव के दौरान अनेकानेक बधाइयाँ मिलीं।साहित्य सभा कैथल से भी विभिन्न माध्यमों से डाॅ. तेजिंद्र को उनकी इन उपलब्धियों के लिये बधाई संदेश प्राप्त हो रहे हैं।